दिल्ली अदालत ने लड़के के साथ कुकर्म करने के लिए बच्चों के संरक्षण (POCSO) अधिनियम के तहत व्यक्ति को 20 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई है।इसके साथ ही कोर्ट ने पीड़ित लड़के के पुनर्वास के लिए 20 लाख रुपये का मुआवजा दिया है, जो अब पढ़ाई के लिए कॉलेज जाने वाला है। वर्ष 2021 में जब दोषी ने उसके साथ कुकर्म किया था, तब वह 16 साल का नाबालिग था। पीड़िता के पिता ने राजौरी गार्डन थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई थी।विशेष न्यायाधीश (POCSO) प्रीति परेवा ने दोषी महेंद्र को पॉक्सो की धारा 6 और 12 और IPC की धाराओं के तहत 20 साल की कठोर जेल की सजा सुनाई और 52000 रुपये का जुर्माना भी लगाया है। इसके अलावा व्यक्ति को सूचना और प्रौद्योगिकी (IT) अधिनियम के तहत धारा 66 E (गोपनीयता के उल्लंघन के लिए दंड) के तहत भी दोषी ठहराया गया है।दोषी को सजा सुनाते हुए कोर्ट ने कहा, "आपराधिक न्याय प्रणाली का उद्देश्य न केवल अपराधी को उचित सजा देना है, बल्कि शारीरिक और मानसिक रूप से पीड़ित को हमेशा के लिए पुनर्वासित करना भी है। अगर हम ऐसा करने में विफल रहते हैं तो लंबे समय तक पीड़ित की मानसिक स्थिति प्रभावित रह सकती है।