मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सख्ती के बाद शुरू किए गए अतिक्रमण अभियान पहले ही दिन फ्लाप रहा। शासन के आदेश पर नगर निगम ने 20 दिन का अभियान तैयार किया है, लेकिन पहले ही दिन अभियान प्रभावी कार्रवाई नहीं कर सका। पुलिस व मजिस्ट्रेट नहीं मिलने के कारण अभियान मात्रा खानापूर्ति बनकर रह गया।शनिवार को पहले दिन निगम की टीम अतिक्रमण हटाने के लिए शहर में निकली। अभियान की शुरूआत बरेली कालेज के पश्चिमी गेट से रोडवेज बस स्टैंड होते हुए कुतुबखाना बाजार तक की गई। टीम ने रोड किनारे से अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई की तो वहां मौजूद लोग विरोध में उतर आए। सामान जब्त करने को लेकर नोकझोंक भी होने लगी।अतिक्रमण टीम के प्रभारी ललतेश सक्सेना और दुकानदारों के बीच काफी कहासुनी हुई। टीम वहां से निकलकर महादेव सेतु के नीचे पहुंची। वहां भी टीम को देखते ही अफरा तफरी का माहौल बन गया। सामान जब्त करने पर यहां भी नोकझोंक व कहासुनी हुई। बिना मजिस्ट्रेट व पुलिस के अतिक्रमण हटाने गई टीम खानापूर्ति कर लौट आई। टीम के जाते ही फिर से अतिक्रमण हो गया।

20 दिन का है शेड्यूल

अतिक्रमण प्रभारी ललतेश कुमार सक्सेना ने बताया कि अतिक्रमण हटाओ अभियान का 20 दिन का शेड्यूल बनाया है। जहां अभियान चलेगा वहां की संबंधित पुलिस चौकी को सूचना दी जाएगी।