भाजपा को अपना ही दांव पड़ा उल्टा..
भाजपा के लिए दिल्ली नगर निगम को एक करने का दांव उल्टा पड़ गया और आम आदमी पार्टी ने बाजी मार ली, लेकिन यदि तीन निगम होते तो उत्तरी व दक्षिणी दिल्ली निगम में भले ही आप का दबदबा होता, लेकिन पूर्वी निगम में भाजपा का ही मेयर बनता। चुनौती मानी जा रही यमुनापार की 61 में से 35 सीटों पर भाजपा ने ही कब्जा जमाया है। आप को यहां केवल 21 सीटें मिली हैं, जबकि कांग्रेस ने पांच सीटें जीती हैं।
दिल्ली के तीन निगमों के चुनाव की मार्च में घोषणा होने जा रही थी, तभी केंद्रीय कैबिनेट ने आननफानन में दिल्ली के तीन निगमों को एक करने वाला बिल 25 मार्च को संसद के दोनों सदनों में पास किया। केंद्रीय कैबिनेट ने इस फैसले से एमसीडी की आर्थिक स्थिति में सुधार की बात कही। इसके बाद 17 अप्रैल को राष्ट्रपति की मुहर लग गई। आखिरकार चार नवंबर को एमसीडी चुनाव की तारीखों की घोषणा की गई।
उत्तरी व दक्षिणी दिल्ली क्षेत्र में आम आदमी पार्टी से भाजपा सीधे तौर पर पीछे रही। भाजपा को उत्तरी दिल्ली क्षेत्र की 91 सीटों में से 35 सीटों पर जीत मिली। आप को यहां 52 सीटों पर जीत मिली, जबकि कांग्रेस ने तीन व एक निर्दलीय प्रत्याशी ने जीत हासिल की। इसी तरह से दक्षिण दिल्ली क्षेत्र की 98 सीटों में से भाजपा को 34 पर जीत हासिल हुई। वहीं, आप ने यहां 62 सीटों पर जीत हासिल की, जबकि कांग्रेस के एक व एक निर्दलीय प्रत्याशी को जीत मिली।