क्या दिल्ली में लगाए जा सकते हैं लाकडाउन जैसे सख्त प्रतिबंध
नई दिल्ली। देश की राजधानी दिल्ली में ओमिक्रोन के साथ-साथ डेल्टा वैरिएंट के मामलों में भी लगातार इजाफा हो रहा है। इस बीच तीसरी लहर की दस्तक के साथ लाकडाउन जैसे प्रतिबंधों की भी बात उठने लगी है। इस पर दिल्ली सरकार ने साफ किया है कि अभी दिल्ली में कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए लगाए गए ग्रेडेड रेस्पांस एक्शन प्लान (ग्रेप) का पहला चरण येलो अलर्ट ही जारी रहेगा। इसका कारण अभी कोराना के हल्के लक्षणों वाले मरीजों का आना और अस्पतालों में बड़ी संख्या में बेड का खाली होना है। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली वासियों से कोरोना के बढ़ते केस को लेकर दहशत से बचने की अपील की है।
सीएम ने कहा कि कोरोना की इस लहर का असर बेहद माइल्ड है, फिर भी आप की सरकार पूरी तरह से तैयार है।उन्होंने सभी से अपील है कि हमें जिम्मेदार रहना है, मास्क पहनना है, शारीरिक दूरी का पालन करना है और साबुन से हाथ धोते रहना है। उन्होंने कोरोना के खतरे का गणित समझाते हुए कहा कि वर्तमान में दिल्ली में 6300 एक्टिव केस हैं और केवल 82 बेड भरे हैं, जबकि 27 मार्च 2021 को 6600 एक्टिव केस थे और तब 1150 बेड भरे थे। आज केवल 5 मरीज वेंटिलेटर पर हैं, जबकि दूसरी लहर से पहले एक अप्रैल 2021 को जब एक दिन में 2700 केस आए थे, तब 231 मरीज वेंटिलेटर पर थे। इसी तरह उस समय प्रतिदिन औसतन 10 मौत हो रही थीं, लेकिन कभी एक तो कभी एक भी मौत नहीं हो रही है।
सीएम ने कहा कि दिल्ली में कोरोना बहुत तेजी से बढ़ रहा है। कोरोना के केस रोज छलांग मार रहे हैं, लेकिन अभी चिंता की कोई बात नहीं हैं, घबराने की कोई बात नहीं है। उन्होंने बताया कि 29 दिसंबर को 923 केस आए थे, जबकि 30 दिसंबर को 1313 केस आए और कोरोना केस ने एकदम से छलांग लगा दी। इसी तरह 31 दिसंबर को 1796, एक जनवरी 2796 केस और एक दिन में एक हजार केस बढ़ गए। इस तरह प्रतिदिन केस ढाई से तीन हजार को पार कर रहे हैं। इस वक्त दिल्ली में एक्टिव केस 6360 केस हैं, जबकि तीन दिन पहले एक्टिव केस 2191 थे।
उन्होंने कहा कि हम मोटा-मोटा मान लेते हैं कि 29 दिसंबर को लगभग दो हजार एक्टिव केस थे और एक जनवरी को लगभग 6 हजार एक्टिव केस थे। इन तीन दिनों में लगभग तीन गुना एक्टिव केस बढ़ गए। लेकिन 29 दिसंबर को अस्पताल के 262 बेड पर कोरोना के मरीज थे। यह कुल मरीज हैं, जिसमें एयरपोर्ट पर पाए गए कोरोना मरीज भी शामिल हैं। वहीं तीन दिन बाद एक जनवरी को अस्पताल में 247 कोरोना के मरीज भर्ती थे। जो लोग कोरोना से बीमार हो रहे हैं, उनमें किसी को अस्पताल जाने की जरूरत नहीं पड़ रही है।
सीएम ने कहा कि 29 दिसंबर को अस्पताल में भर्ती मरीजों की तुलना में एक जनवरी को अस्पताल में भर्ती मरीजों की संख्या थोड़ी कम ही हो गई है। इसका मतलब है कि जो-जो लोग कोरोना से बीमार हो रहे हैं, उन लोगों में लगभग किसी को भी अस्पताल जाने की जरूरत नहीं पड़ रही है। सीएम ने कहा कि आज दिल्ली में हमने 37 हजार बेड की तैयारी की है।अभी केवल 82 बेड भरे हुए हैं। जबकि दिल्ली में छह हजार से ज्यादा कोरोना के मरीज हैं। मौजूदा समय में दिल्ली के अस्पतालों में 0.22 प्रतिशत बेड भरे हुए हैं और 99.78 प्रतिशत बेड खाली हैं।