नई दिल्ली । दिल्ली इस वक्त भीषण गर्मी के अलावा जल संकट से भी जूझ रही है। लोगों को पीने के पानी तक के लिए मोहताज होना पड़ रहा है। टैंकरों के आगे रोजाना लगती भीड़ यह बता रही है कि समस्या कितनी भयावह है। दिल्ली सरकार अपनी ओर कोशिश तो कर रही है, लेकिन यह नाकाफी साबित हो रहा है। इस बीच केंद्रीय भूजल बोर्ड (सीजीडब्ल्यूबी) की एक हालिया रिपोर्ट चौंकाने वाली है। रिपोर्ट में बताया गया है कि दिल्ली में लोगों ने जमीन के नीचे से लगभग पूरा पानी खींच लिया है और यही कारण है कि भूजल के स्तर में काफी कमी आई है। रिपोर्ट के अनुसार, 2023 में दिल्ली का शुद्ध वार्षिक ग्राउंड वाटर रिजार्ज 0.38 बिलियन क्यूबिक मीटर होने का अनुमान है, जिसमें से 0.34 बीसीएम निकासी के लिए उपलब्ध है। चिंताजनक बात यह है कि उपलब्ध लगभग सभी भूजल को निकाल लिया गया है। इसका मतलब है कि 99.1 प्रतिशत  भूजल निकाला जा चुका है। इसकी तुलना में, 2022 में वार्षिक भूजल रिचार्ज 0.41 बीसीएम था, जिसमें 0.37 बीसीएम निकासी के लिए उपलब्ध था और 0.36 बीसीएम वास्तव में निकाला गया था। रिपोर्ट में इस बात पर प्रकाश डाला गया है कि दिल्ली में भूजल दोहन 2022 में 98.16 प्रतिशत  से बढ़कर 2023 में 99.13 प्रतिशत  हो गया है, जबकि इसी अवधि में ग्राउंड वाटर रिचार्ज में कमी आई है। यह दर्शाता है कि जहां कुछ क्षेत्रों ने सुरक्षित भूजल स्तर बनाए रखने में प्रगति की है, वहीं दिल्ली को अभी भी अपने भूजल संसाधनों को स्थायी रूप से प्रबंधित करने में महत्वपूर्ण चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है।