वास्तु शास्त्र में दिशाओं का विशेष महत्व बताया गया है. जब भी हम अपने घर में पौधे लगाने के बारे में सोचते हैं तो दिशा का ख्याल नहीं रखते. लेकिन वास्तु शास्त्र के अनुसार पेड़ पौधों भी सही दिशा में होना बहुत जरूरी है. अगर व्यक्ति इस बात का ख्याल रखे तो उसे शुभ परिणाम मिल सकते हैं. मान्यता है कि सही दिशा में पेड़ों को लगाने से समृद्धि बनी रहती है. इसके विपरित अगर आप पौधों को कहीं भी बिना सही दिशा देखे लगा दें तो ये नकारात्मकता का कारण बनते हैं. आइए जानते हैं 
चारों दिशा का महत्व क्या है?
पूर्व दिशा का संबंध सेहत और तरक्की से होता है. इस दिशा में फलदार पेड़ लगाना शुभ होता है. इससे स्वास्थ्य भी अच्छा बना रहता है. दक्षिण-पूर्व दिशा को समृद्धि की दिशा माना गया है. इसलिए इस दिशा में आपको तुलसी का पौधा, मनी प्लांट लगाना चाहिए. वहीं कपूर का पेड़ लगाने से आर्थिक स्थिति मजबूत होती है. दक्षिण दिशा में पेड़ लगाएं जाएं तो इससे मान सम्मान बढ़ता है. यहां आप नारियल का पेड़, बरगद, पीपल का पेड़ लगा सकते हैं. पश्चिम दिशा में पौधे लगाने से संतान सुख की प्राप्ति होती है. यहां पर आप अशोक का पेड़ और शीशम का पेड़ लगा सकते हैं. इससे पारिवारिक सुख भी मिलता है. इसके अलावा उत्तर दिशा में केला, पपीता और अमरूद का पेड़ लगाने से तरक्की मिलती है. कार्यों में बाधा नहीं आती. करियर में सफलता मिलती है.

कटहल का पेड़ किस दिशा में लगाएं?
वास्तु शास्त्र के अनुसार कटहल का पेड़ उत्तर-पश्चिम में लगाने से धन की कमी नहीं आती. मान्यता हैं जाता कि इस दिशा में कटहल का पेड़ होने से धन-दौलत में बढ़ोत्तरी होती है क्योंकि ये दिशा तरक्की देती है.

उत्तर दिशा में कटहल का पेड़
वास्तु शास्त्र के अनुसार उत्तर दिशा करियर और बुद्धि से जुड़ी मानी गई है. ऐसे में इस दिशा में कटहल के पेड़ को लगाने से करियर में सफलता मिलती है और बुद्धि तेज होती है.

पूर्व दिशा में कटहल का पेड़
वास्तु शास्त्र के अनुसार पूर्व दिशा में कटहल का पेड़ लगाने से सेहत अच्छी रहती है. इसके अलावा लाइफ में पॉजिटिविटी बनी रहती है. किसी भी काम में आ रही अड़चने समाप्त होती हैं.