नई दिल्ली । इंडियन नेवी की न्यूक्लियर सबमरीन ‘आईएनएस अरिघात  स्ट्रेटेजिक फोर्स कमांड (एसएफसी) का हिस्सा बन गई है। यह भारत की दूसरी न्यूक्लियर सबमरीन है। आधिकारिक तौर पर इसके शामिल होने के बाद भारत के पास 2  न्यूक्लियर सबमरीन हो जाएंगी। इससे पहले साल 2016 में स्वदेशी न्यूक्लियर सबमरीन आईएनएस अरिहंत को जंगी बेड़े में शामिल किया था।
अरिघात शब्द संस्कृत भाषा से लिया गया है। संस्कृत में इसका अर्थ है- दुश्मनों का संहार करने वाला। भारत की इस दूसरी न्यूक्लियर सबमरीन को विशाखापट्टनम स्थित शिपयार्ड में बनाया गया है। आईएनएस अरिघात समुद्र से 750 किलोमीटर दूर तक मार करने वाली के -15 बैलिस्टिक मिसाइल (न्यूक्लियर) से लैस है। इतना ही नहीं इंडियन नेवी इस सबमरीन को 4000 किलोमीटर तक मार करने वाली के-4 मिसाइल से भी लैस करेगी।