नई दिल्ली। कोरोना वायरस संक्रमण से बचने के लिए लोगों ने विभिन्न उपाय किए थे, जिसमें जल नेति योग एक महत्वपूर्ण क्रिया थी। यह आयुर्वेद में मान्यता प्राप्त एक विधि है, जो नाक की सफाई के जरिए संक्रमण के खतरे को कम करती है। कई आयुर्वेद विशेषज्ञों का कहना है कि जल नेति से सांस नली की सफाई कोविड संक्रमण से बचाने में सहायक हो सकती है।
वायरस संक्रमण के दौरान विशेषज्ञों ने यह भी बताया कि यदि कोई संक्रमित व्यक्ति रोजाना जल नेति करता है, तो यह उसे जल्द ठीक होने में मदद कर सकता है। जल नेति के माध्यम से नाक मार्ग और साइनस से विषाक्त कणों को हटाया जाता है, जिससे शरीर में हवा का प्रवाह बेहतर होता है और स्वास्थ्य ठीक रहता है। यह क्रिया सर्दी, खांसी, जुकाम, इनसाइटिस और सांस की एलर्जी से ग्रसित लोगों के लिए भी कारगर साबित होती है।
स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार, जल नेति न केवल कोरोना संक्रमण बल्कि कई अन्य बीमारियों को रोकने और उपचार में भी सहायक होती है। इसे करने से अस्थमा, निमोनिया, ब्रोंकाइटिस और फुफ्फुसीय तपेदिक जैसी लंबी बीमारियों को भी कम समय में ठीक किया जा सकता है। इसके अलावा, जल नेति मायोपिया, एलर्जी राइनाइटिस और टॉन्सिलिटिस जैसी समस्याओं को भी ठीक करने में मदद करती है।
अगर आप चमकदार त्वचा चाहते हैं, तो जल नेति इसमें भी मदद कर सकती है। यह चेहरे की मांसपेशियों को आराम देती है और चेहरे में निखार लाती है। इसके अलावा, जल नेति तनाव और क्रोध को कम करने में भी सहायक होती है। निरंतर अभ्यास से यह पाचन शक्ति को मजबूत करती है और शरीर में खून का प्रवाह तेज करती है, जिससे प्रतिरक्षा प्रणाली भी बेहतर होती है।
भारत में प्राचीन काल से आयुर्वेद और योग का महत्व रहा है। पहले की तरह, आज भी योग से न केवल फिटनेस बनाए रखना संभव है, बल्कि यह इम्यूनिटी को भी मजबूत करता है। कोरोना महामारी के बाद से योग के प्रति लोगों में जागरूकता बढ़ी है, जो स्वास्थ्य के लिए एक सकारात्मक परिवर्तन है। जल नेति योग का नियमित अभ्यास न केवल कोरोना बल्कि कई अन्य स्वास्थ्य समस्याओं से बचने का एक प्रभावी उपाय साबित हो सकता है।