मेरठ। लाला लाजपत राय मेडिकल कलेज की गायनी विभाग की ओटी में शुक्रवार सुबह 7:30 बजे अचानक आग लग गई। लाखों रुपए के उपकरण जलकर खाक हो गए। मेडिकल स्टाफ में अफरा तफरी मच गई। आग लगने के वक्त ओटी में कोई मरीज न होने से बड़ा हादसा टल गया। आग की वजह एसी से चिंगारी निकलना बताया गया है। फायर ब्रिगेड करीब 20 मिनट बाद आग बुझाने पहुंची। तब तक आग पास स्थित ईएनटी ओटी तक फैल गई थी। आधे घंटे में आग पर काबू पाया गया।

आग लगे तो अपनाएं ये टिप्स

चिकित्सकों के अनुसार यदि किसी दुर्घटना में आग से कोई झुलस जाए तो जले स्थान पर तुरंत ठंडा पानी डालना चाहिए। लेकिन यदि शरीर के किसी भी हिस्से को करंट लगे तो पानी का प्रयोग घातक हो सकता है। किसी इंसान को करंट लगे अथवा वह आग से झुलसे पीड़ित को चिकित्सकीय सुविधा तुरंत दी जानी चाहिए।

आग से झुलसने और करंट लगने पर क्या करें

वरिष्ठ प्लास्टिक सर्जन डा. अनुभूषण के अनुसार मामूली बिजली से त्वचा के जलने का इलाज किसी भी अन्य मामूली जलन की तरह ही किया जाता है। उस जगह पर ठंडा गीला कपड़ा रखें। किसी भी छाले को न फोड़ें। त्वचा को धीरे से साफ करने के बाद, उस जगह पर पट्टी बांधें। यदि आग में कोई झुलस जाता है तो शरीर के जले भाग को ठंडे या गुनगुने बहते पानी से कुछ देर तक ठंडा करना चाहिए। त्वचा के जले हुए हिस्से के पास मौजूद किसी भी कपड़े या आभूषण को हटा दें। उसके उपरांत किसी विशेषज्ञ चिकित्सक को दिखाएं। डा. अनुभूषण ने बताया कि यदि किसी को करंट लग जाता है तो सबसे पहले करंट के स्त्रोत को बंद करना चाहिए। उसके उपरांत देखना चाहिए कि जिस किसी भी व्यक्ति को करंट लगा है उसके अंग सुरक्षित हैं कि नहीं। उसके दिल की धड़कन चेक करें। क्योंकि करंट शरीर से होकर निकलता है, ऐसे में शरीर के अंगों के प्रभावित होने का खतरा अधिक रहता है। करंट लगे तो पानी बिलकुल न डालें। उसके उपरांत विशेषज्ञ चिकित्सक को दिखाएं।

करंट लगने से होने वाली आम बीमारी

चिकित्सक के अनुसार करंट लगने से मांसपेशियों को भी नुकसान पहुंच सकता है। यदि मांसपेशियों की क्षति व्यापक है, तो अंग इतना सूज सकता है कि इसकी धमनियां संकुचित हो जाती हैं, जिससे अंग को रक्त की आपूर्ति बंद हो जाती है। यदि करंट आंखों के करीब जाता है, तो इससे मोतियाबिंद हो सकता है। चोट के कुछ दिनों के अंदर या वर्षों बाद मोतियाबिंद हो सकता है।