व्यक्तित्व -आधुनिक भारत के सृष्टिकर्ता,विश्वकर्मा नरेंद्र मोदी
लेखक- सत्येंद्र जैन
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हमारे पुराणों में भगवान विश्वकर्मा को सृष्टि का रचयिता माना गया है।जिन्होंने स्वर्ग लोक,द्वारिका,लंका,हस्तिनापुर की रचना की है।आयुध,यंत्र एवं पुष्पक विमान के निर्माता हैं।विश्व के प्रथम शिल्पी, वास्तुकार,अभियंता हैं ।भारत में ग्रेगोरियन पंचांग अनुसार 17 सितंबर को विश्वकर्मा जयंती मनायी जाती है।पुराणों के अनुसार आत्मा,परमात्मा बनती है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आत्मा भी भगवान विश्वकर्मा का पर्याय है।17 सितंबर 1950 को गुजरात के छोटे से नगर में निर्धन परिवार में उनका जन्म हुआ।बाल्यावस्था में नरेंद्र मोदी नेतृत्व क्षमता के अनेक गुणों से युक्त रहे हैं।बाल रूप में नरेंद्र एक पोखर जिसमें मगरमच्छ थे।उससे मगरमच्छ के बच्चे को पकड़कर घर ले आए तब उनकी माँ ने समझाया तो पुनः पोखर में छोड़ आए।12 वर्षीय नरेन्द्र कक्षा 8 में विद्यालय में एक पात्र वाले नाटक पीला फूल के सृजक और अभिनेता स्वयं थे।उसका मंचन किया।जिसका विषय अस्पृश्यता के उन्मूलन से जुड़ा हुआ था। बाल्यावस्था के अनेक गुण उनके शासन में स्पष्ट रूप से प्रतिलक्षित होते हैं। वह चार बार गुजरात के मुख्यमंत्री रहे। लगातार दो बार से प्रधानमंत्री हैं।उनके अखंड-प्रचंड, भागीरथी पराक्रम,चमत्कारिक ,सुयोग्य नेतृत्व में भारत विश्व में शिखर आरोहण को प्राप्त हो रहा है।यह संयोग ही है कि प्रधानमंत्री मुझे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स(पूर्व ट्विटर) पर फालो करते हैं।
रामराज के पर्याय नरेंद्र मोदी
रामराज का पहला सिद्धांत उन्नत अर्थव्यवस्था है ।राष्ट्र के विकास में वित्तीय प्रबंधन,योजनाओं एवं विकास कार्यों के लिए धन की उपलब्धता,समृद्ध अर्थव्यवस्था का होना परम आवश्यक है।अर्थतंत्र मजबूत होगा तभी जन कल्याण, अधो संरचना विकास तीव्र गति से होगा।त्रेता युग में भगवान राम ने वनवास के समय अपने अनुज एवं अयोध्या के राजा भरत को अर्थशास्त्र का मंत्र दिया था और कहा था -
“बरषत हरषत लोग सब, करषत लखै न कोइ।
तुलसी प्रजा-सुभाग तें भूप भानु सो होइ।।”
सूर्य जिस प्रकार पृथ्वी से अनजाने में ही जल खींच लेता है और किसी को पता नहीं चलता।किन्तु उसी जल को बादल के रूप में इकट्ठा कर वर्षा में बरसते देखकर सभी लोग प्रसन्न होते हैं। इसी रीति से कर संग्रह करके राजा द्वारा जनता के हित में कार्य करना चाहिए।
वर्ष 2013-14 में कांग्रेस की मनमोहन सरकार के समय बजट लगभग पंद्रह लाख करोड़ रुपए था।जिसको प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कुशल वित्तीय क्षमताओं से,अनेक वित्तीय सुधारो से 45 लाख करोड़ से अधिक हो गया है। देश का पूंजीगत व्यय भी गुणात्मक रूप से लगभग 14 लाख करोड़ हो गया है। पूंजीगत व्यय बढ़ने से देश के अधोसंरचना में वृद्धि होती है। तेजी से विकास होता है।जिससे देश की जीडीपी भी तीव्रता से बढ़ती है। दूसरे शब्दों में कहें तो जितना मनमोहन सरकार का बजट हुआ करता था उतनी राशि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पूंजीगत व्यय में कर रहे हैं।आत्मनिर्भर भारत निर्माण हो रहा है।स्वतंत्रता के 65 वर्षों में भारत की जीडीपी लगभग 113 लाख करोड़ रुपए पर पहुंची। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कुशल आर्थिक नीतियां,अथक प्रयासों से मात्र नौ वर्षों में गुणात्मक रूप से बढ़कर लगभग 275 लाख करोड़ की हो गई है।वित्तीय विश्लेषण कम्पनी मॉर्गन स्टेनले द्वारा कांग्रेस सरकार में भारत की अर्थव्यवस्था को कभी भी डूबने वाली फ्रेजाइल फाइव श्रेणी में इंडोनेशिया, ब्राजील, तुर्की,दक्षिण अफ्रीका की अर्थव्यवस्था के साथ रखा था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आर्थिक सुधारो के परिणाम स्वरूप भारत ने अपनी उच्च साख वाली अर्थव्यवस्था की विश्व छवि निर्मित की है।नरेन्द्र मोदी के भागीरथी अर्थशास्त्रीय सुधारों से भारत की अर्थव्यवस्था विश्व के सापेक्ष में 11 वे नंबर से बढ़कर के प्रथम पांच देशों में आ गई है।नरेन्द्र मोदी की गारन्टी है कि आने वाले दो-तीन वर्षों में ही भारत विश्व की तीन बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में सम्मिलित हो जाएगा।प्रति व्यक्ति आय भी बढ़कर लगभग दो लाख रुपए हो गई है। जिसको स्वतंत्रता के शताब्दी वर्ष 2047 तक लगभग पंद्रह लाख रुपए करने का अनुमान स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने अपनी रिपोर्ट में लगाया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 50 करोड़ जनधन बैंक खातों के माध्यम से डीबीटी योजना डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर द्वारा 31 लाख करोड रुपए से अधिक की राशि हितग्राहियों को ट्रांसफर की गई है। डिजिटल भारत अभियान द्वारा लगभग 355000 करोड रुपए से अधिक की राशि यूपीआई ट्रांजैक्शन के माध्यम से बैंक अकाउंट में ट्रांसफर हुई है।43 करोड़ से अधिक लोगों को मुद्रा योजना के द्वारा उद्यमशीलता सहायता प्रदान की गई है। रोजगार प्रदान किया गया है।प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना एवं प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना में 50 करोड़ से अधिक हितग्राही रजिस्टर्ड हुए हैं।करोड़ों लोगों को इस बीमा योजना का लाभ प्राप्त हुआ है।अटल पेंशन योजना के माध्यम से भी 5 करोड़ से अधिक लोग इस योजना का लाभ प्राप्त कर रहे हैं। 82 लाख करोड़ रुपए से अधिक का वस्तु एवं सेवा कर(जीएसटी) संग्रहित हुआ है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की निर्यात नीतियों का ही सुफल है कि विदेशी मुद्रा भंडार भी वर्ष 2014 के सापेक्ष में लगभग दोगुना हो गया है।वर्तमान में विदेशी मुद्रा भंडार लगभग 600 बिलियन डॉलर है ।उपर्युक्त सांख्यिकी उन्नत अर्थव्यवस्था की परिचायक है।
उद्योग एवं रोजगार हितैषी नरेंद्र मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी औद्योगीकरण रोजगार एवं निर्माण के क्षेत्र में देवदूत सिद्ध हुए हैं।उनके प्रयासों से ही 7 सालों में लगभग 1 लाख स्टार्टअप भारत में स्थापित हुए हैं।1 विलियन डॉलर से ज्यादा राशि के सौ से अधिक स्टार्टअप यूनिकॉर्न भी हुए हैं । एमएसएमई उद्योगों को 60 मिनट में करोडों रुपये रुपए का ऋण भी बैंकों द्वारा दिया जा रहा है । गवर्नमेंट ई-मार्केट प्लेस जेम पोर्टल के माध्यम से अभी तक 5 लाख करोड रुपए से अधिक के कृय आदेश एमएसएमई उद्यमियों को सरकार के विभिन्न विभागों से प्राप्त हुए है।इलेक्ट्रॉनिक मैन्युफैक्चरिंग उद्योगों के लिए 276000 करोड रुपए से अधिक की प्रोडक्शन लिंक सब्सिडी दी जा रही है। नरेंद्र मोदी करोडों रोजगार प्रदाता हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मूलमंत्र रिफॉर्म ,परफॉर्मेंस,ट्रांसफॉर्म को स्वीकार करते हुए करोड़ रोजगार सृजित किए हैं। प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना द्वारा 13000 करोड़ रुपये की सहायता कामगारों को अल्प ब्याज दर पर दी जा रही है।रोजगार सृजन होगा।ईपीएफओ के पिछले 3 साल में लगभग 5 करोड़ नए पंजीयन हुए हैं।10 लाख से अधिक युवाओं को शासकीय सेवा में लिया जा रहा है।नरेंद्र मोदी भारत में रोजगार मेलों के माध्यम से लाखों युवाओं को नियुक्ति पत्र दे रहे हैं। 4 करोड़ से ज्यादा प्रधानमंत्री आवास,7 लाख किलोमीटर से अधिक की सड़क निर्माण से बृहद रोजगार उत्पन्न हुआ है। प्रतिदिन 40 किलोमीटर नेशनल हाईवे का निर्माण से भी लाखों दिवस का रोजगार सृजित हो रहा है।पूंजीगत निवेश में लगभग 14 लाख करोड रुपए से अधिक के कार्यों के होने से रोजगार में वृद्धि हो रही है।प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन योजना के माध्यम से भी 50 लाख को पेंशन प्राप्त होगी।ग्यारह करोड़ से अधिक के शौचालय का निर्माण में रोजगार मिला है।परिवहन,जहाजरानी मंत्रालय द्वारा भी लगभग डेढ़ सौ लाख करोड रुपए से अनेक इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट के कार्य में अपार रोजगार प्राप्त हो रहा है।
महिला सशक्तिकरण के प्रतिमान नरेंद्र मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा तीन करोड़ तीस लाख से अधिक गर्भवती महिलाओं को प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना का लाभ प्राप्त हुआ है। प्रधानमंत्री आयुष्मान योजना के माध्यम से साढे 5 करोड़ लाभार्थियों को स्वास्थ्य लाभ प्राप्त हुआ है।जिसमें महिलाएं सम्मिलित हैं।संजीवनी योजना नेशनल टैली मेडिसिन सर्विसेज के माध्यम से 15 करोड़ 33 लाख से अधिक महिलाओं और पुरुषों को स्वास्थ्य परामर्श सेवाएं प्रदान की गई हैं।50 करोड़ से अधिक जनधन बैंक खातों में महिलाओं की भागीदारी 55% से अधिक है।4 करोड़ से अधिक घर एवं 11 करोड़ से अधिक शौचालय के निर्माण से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी माता,बहनों की अस्मिता स्वाभिमान की रक्षा कर रहे हैं।432000 से अधिक गांव भी खुले में शौच से मुक्त होने से बहनों,माता,बेटियों को खुले में शौच से मुक्ति मिली है। प्रधानमंत्री स्वामित्व योजना के माध्यम से एक करोड़ 25 लाख से अधिक के प्रॉपर्टी कार्ड, संपत्ति अधिकार पत्र प्रदान किए गए हैं।जिसमें बड़ी संख्या में महिलाएं सम्मिलित हैं।प्रधानमंत्री नल जल योजना के माध्यम से लगभग 13 करोड़ घरों में शुद्ध जल, नल के माध्यम से पहुंच रहा है।महिलाओं को जल संग्रहण हेतु घर से बाहर नहीं जाना पड़ता है।जल स्रोतों से पानी ला करके संग्रहण करने की परेशानी से मोदी सरकार ने बचाया है। प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के माध्यम से साढे नौ करोड से अधिक महिलाओं को उज्जवला गैस कनेक्शन प्रदान किए गए हैं।धुएँ से मुक्ति के कारण महिला स्वास्थ्य में अभूतपूर्व सुधार हुआ है। समय का सदुपयोग होने से सृजन शीलता में वृद्धि हुई है।10 करोड़ 10 लाख से अधिक लाभार्थियों को पोषण अभियान के द्वारा लाभ दिया गया है।
पीएम किसान सम्मान निधि योजना के माध्यम से 11 करोड़ से अधिक किसानों को प्रतिवर्ष ₹6000 दिए जा रहे हैं।लगभग 3 लाख करोड रुपए से अधिक की राशि देश के किसानों को दी जा चुकी है।प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के माध्यम से लगभग 38 करोड़ किसानों को इस योजना से लाभ प्राप्त हुआ है। इलेक्ट्रॉनिक नेशनल एग्रीकल्चर मार्केट इनाम योजना में एक करोड़ सत्तर लाख से अधिक किसान रजिस्टर्ड हुए हैं।अपनी फसल को उचित मूल्य पर विक्रय कर पा रहे हैं। 23 करोड़ से अधिक सॉइल हेल्थ कार्ड,मिट्टी का स्वास्थ्य परीक्षण कार्ड बना हुआ है।किसान लाभान्वित हुए हैं।4 लाख करोड रुपए से अधिक की राशि को कृषि आधारभूत संरचना में निवेश किया जा रहा है। प्रधानमंत्री मोदी ने स्वतंत्रता के 65 वर्षों उपरांत नवाचार किया और नीम कोटेड यूरिया का वितरण प्रारंभ किया।फलस्वरुप यूरिया की औद्योगिक कालाबाजारी बंद हो गई है।अब उर्वरक रूप में ही प्रयोग हो रहा है।66000 से अधिक अमृत सरोवरों का निर्माण किया गया है।कृषि कार्य के लिए जल की उपलब्धता बढ़ी है।जल शक्ति, कैच दी रेन अभियान के द्वारा रेनवाटर हार्वेस्टिंग प्रकल्प में लगभग 11000 करोड रुपए मोदी सरकार ने व्यय किए हैं। जिससे भूजल स्तर बढ़ सके ।लगभग 200000 ग्राम पंचायत को भारत नेट हाई स्पीड डाटा नेटवर्क के माध्यम से जोड़ा गया है। गांव में रहने वाली जनता, किसानों, महिलाओं,युवाओं को लाभ प्राप्त हो रहा है ।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अमेरिका जैसे 16 देशों ने अपने देश के सर्वोच्च राष्ट्रीय सम्मान से अलंकृत किया है। सबसे अधिक सम्मान प्राप्त होने का कीर्तिमान भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम है।जी-20 की अपार सफलता से भी विश्व मित्र की छवि निर्मित हुई है।
भारत की विदेश नीति को विश्व में सराहा जा रहा है।यूनाइटेड नेशंस में भारत का सम्मान बढ़ा है।आस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को बॉस कहते हैं।पापुआ न्यू गिनी के प्रधानमंत्री जेम्स मरापे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चरण छूकर आशीर्वाद लिया।भारतीय कोरोना वैक्सीन के कारण उनके देश के नागरिकों के जीवन रक्षा हुई है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रक्षा नीति का ही सुफल है कि आज भारत के सीमावर्ती क्षेत्रों में सैकड़ो प्रोजेक्ट्स पर काम किया गया है।जिससे सेना सीमा पर शीघ्रता से पहुँच जाती है। विदेशी धरती पर घुसकर आतंकवादियों पर सर्जिकल स्ट्राइक करने का साहसिक एवं एतिहासिक निर्णय नरेंद्र मोदी द्वारा लिया गया।सेना को पूरी छूट दी गई।जिसका परिणाम है कि भारतीय सेना ने सर्जिकल स्ट्राइक के माध्यम से म्यांमार में और पाकिस्तान की सीमा के अंदर घुसकर आतंकवादी शिविरों को नष्ट किया है।पाकिस्तान के अंदर घुसकर इंडियन एयरफोर्स ने एयर स्ट्राइक कर आतंकवादी शिविरों को ध्वस्त किया है।आतंकवादियों का उन्मूलन किया है।भारतीय सेना ने लद्दाख में गलवान घाटी में चीनी सैनिकों की गर्दन मरोड़ दी और वापिस जाने को विवश कर दिया।
विश्व पटल पर भारत की जो अनुपम, दिव्य, विश्वमित्र की छवि स्थापित हुई है। इस छवि को गढ़ने में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महत्वपूर्ण भूमिका है।
अतः यह कहना अतिशयोक्ति नहीं है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आधुनिक भारत के सृजनकर्ता विश्वकर्मा हैं।