क्लब लिटराटी द्वारा शनिवार को अरेरा क्लब में कथाकार लोकेश गुलयानी की 7वीं किताब 'लड़कियां होंगी ' पर परिचर्चा एवं विमोचन रखा गया।
कार्यक्रम का संचालन डॉ. नीलकमल कपूर ने किया, जिन्होंने लेखक से रोचक सवाल जवाब करते हुए कार्यक्रम की बागडोर संभाली। लोकेश गुलयानी लेखन को गंभीरता से लेते हैं। यह बात कल की शाम में परिलक्षित हुई। पुस्तकों के बारे में बात करते हुए लेखक लोकेश गुलयानी ने श्रोताओं को बताया कि " कोई सोच कर कहानी नहीं लिख सकता। सोच कर आप सिर्फ़ ढांचा खड़ा कर सकते हैं पूरी ईमारत नहीं। कहानी को कहानी स्वयं लिखवाती है।"

साथ ही उन्होंने बताया कि "लड़कियां होंगी" उनकी सातवीं किताब है जो 13 लघु कहानियों का संग्रह है। सभी कहनियां एक दूसरे से अलग हैं। पुस्तक के बारे में पूछने पर लेखक ने कहा " मैं एक बात से पूरी तरह से इतेफाक रखता हूं कि कहानियों के मुकम्मल होने का अपना समय होता है। यदि उनसे जोर आजमाइश की जाये तो वे ऐसी रूठी लैला हो जाती हैं। जो होती तो खूबसूरत हैं पर ऐन मौके पर भौंडा मेकअप करके आपसे बदला ले डालती हैं।" 

कार्यक्रम में नीलकमल कपूर द्वारा बेहद प्रभावी सवाल पूछे गए। जिससे श्रोता अंत तक बंधे रहे। अंत में क्लब लिटराटी की अध्यक्षा सीमा रायजादा ने लेखक, सूत्रधार एवं उपस्थित सभी श्रोताओं का आभार जताते हुए, भविष्य में भी ऐसे ही कार्यक्रम करते रहने का संकल्प दोहराया।

न्यूज़ सोर्स : Storyteller Lokesh Guliyani's book 'Ladkiyan Hongi' released