दिल्ली महिला आयोग की पूर्व अध्यक्ष और राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल ने दिल्ली सरकार के महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा दोबारा शुरू की गई महिला हेल्पलाइन 181 पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि क्या पांच लोगों से महिला हेल्पलाइन चल पाएगी। गौरतलब है कि महिला एवं बाल विकास विभाग मंत्री कैलाश गहलोत ने गुरुवार को पुनः: शुरू की गई हेल्पलाइन 181 की फोटो सोशल मीडिया मंच एक्स पर शेयर की। इस फोटो को सोशल मीडिया पर शेयर कर स्वाति मालीवाल ने लिखा कि दिल्ली सरकार ने जो दिल्ली महिला आयोग की 181 हेल्पलाइन बंद करके खुद चलाने का निर्णय लिया है, इसकी सच्चाई मंत्री कैलाश गहलोत द्वारा ट्वीट की गई फोटो से खुद जाहिर होता है कि इस हेल्पलाइन को अब आदमी चला रहे हैं। ऐसे में जो लड़कियां रेप और तस्करी जैसे जघन्य अपराध रिपोर्ट करने के लिए कॉल करेंगी, वो तो लड़कों की आवाज सुनके ही फोन रख देंगी। वैसे भी 5 लोगों से हेल्पलाइन नहीं चलती। दिल्ली महिला आयोग की हेल्पलाइन पर रोज 2000 से 4000 कॉल आती थीं जिसको 45 महिला काउंसलर्स सुनती थीं। सबके पास सोशल वर्क या साइकोलॉजी में मास्टर्स डिग्री थी। दिन भर कम से कम 20 लड़कियां एक शिफ्ट में हेल्पलाइन चला रही थी और ग्राउंड पे 136 महिला काउंसलर कॉल आने के बाद लड़कियों के पास पहुंचती थीं। सरकार वाली महिला हेल्पलाइन सिर्फ पहले की तरह एक पोस्ट ऑफिस का काम करेगी। केस पुलिस को आगे फॉरवर्ड करेगी। इसलिए जब 2013 से 2016 तक दिल्ली सरकार के मुख्यमंत्री कार्यालय में ये हेल्पलाइन चलती थी, तब 70 प्रतिशत कॉल पे कोई काम नहीं होता था। ये फोटो दर्शाती है वापस वही हाल होने वाले हैं। महिलाओं का मुद्दा बहुत संवेदनशील होता है। इसको हठ से नहीं, सूझ बूझ से चलाना चाहिए। जो सिस्टम अच्छे चल रहे हैं उनको बंद करके उनपर दिन रात मेहनत करने वाली लड़कियों को बेरोजगार नहीं करना चाहिए।