फरीदाबाद के नागरिक अस्पताल की मोर्चरी में जहां एक तरफ दिन प्रतिदिन शवों की संख्या बढ़ती जा रही है। वहीं दूसरों ओर, मोर्चरी में शव को रखने की जगह भी कम पड़ गई है। इसी वजह से बृहस्पतिवार को एक के ऊपर दो से तीन शवों को रखा गया। चार दिनों से शवों से फैली दुर्गंध इतनी अधिक हो चुकी है कि मोर्चरी में शवों को लेने आने वाले लोग बेहोश होने लगे हैं। बृहस्पतिवार को एक शव का पोस्टमार्टम कराने आई मां और बहन बेहोश हो गईं। मोर्चरी में रखे अधिकांश शव बर्फ की सिल्लियों पर रखे हुए थे। मोर्चरी इंचार्ज डॉ. प्रियंका ने बताया कि बुधवार की शाम 7 बजे से लेकर बृहस्पतिवार की सुबह 9 बजे तक उनके पास 33 शव थे। जिनका उनको पोस्टमार्टम करना था। इसमें कुछ ऐसे भी थे जोकि अज्ञात थे, जिनका पोस्टमार्टम 72 घंटे के बाद होना था। उनकी टीम ने बृहस्पतिवार को 33 में से 24 शवों का पोस्टमार्टम कर दिया। मोर्चरी में 14 फ्रिज हैं। जिनमें अज्ञात शवों को रखना प्राथमिकता होती है। बृहस्पतिवार को 14 शव फ्रिज के अंदर रखे हुए थे। वहीं अन्य 19 शव स्ट्रेचर पर रखे हुए थे। मोर्चरी में जगह की कमी होने की वजह से एक स्ट्रेचर पर दो से तीन शवों को एक दूसरे के ऊपर डाल कर रखा हुआ था। इसके अलावा मोर्चरी के बाहर फ्रिज के निकट दो स्ट्रेचरों पर एक के ऊपर एक तीन शव खुले में पड़े हुए थे। वहीं दो शव बोरे के अंदर पड़े हुए थे। मोर्चरी में शवों की दुर्गति होने से परिजन परेशान हो रहे हैं। बृहस्पतिवार को चाचा चौक पर रहने वाले दिलखुश मिश्रा ने फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली थी। शव की पहचान करने के लिए मां व बहन मोर्चरी के अंदर गईं। जहां शवों की दुर्गंध के कारण बाहर आते ही दोनों मां-बेटी बेहोश हो गईं। जिसके बाद परिजन उनको पार्क में ले जाकर पानी पिलाने लगे और होश में लाए। पिछले दो दिनों से मोर्चरी के बाहर परिजन अपने-अपने शवों का जल्द से जल्द पोस्टमार्टम करवाने के लिए लाइन में लगे हुए नजर आ रहे हैं। परिजन पुलिस और डॉक्टर से गुजारिश करते हुए नजर आए कि उनके शव का पोस्टमार्टम जल्द से जल्द करा दिया जाए।