लखनऊ । अगले सत्र से यूपी बोर्ड हाईस्कूल के विद्यार्थियों को अब अधिक विषयों की पढ़ाई करनी होगी।ऐसा इसलिए क्योंकि हाईस्कूल में अब छह की जगह 10 विषय होने वाले हैं। 10 विषयों के लिए यूपी बोर्ड ने वेबसाइट पर खाका जारी कर दिया है। यह प्रस्ताव जस का तस लागू कर दिया जाए या इसमें किसी प्रकार के कोई संशोधन की गुंजाइश है। इसके लिए माध्यमिक शिक्षा परिषद ने एक ईमेल जारी किया है और 29 जून तक लोगों से सुझाव मांगा है। इसके बाद आए हुए सुझावों पर विचार करने के बाद इसे लागू किया जाएगा।
नई शिक्षा नीति-2020 या एनइपी के तहत भारत सरकार शिक्षा को एक नया रूप देना चाह रही है। जिससे पढ़ाई को स्टूडेंट्स के लिए रोमांचक बनाया जा सके। इसी क्रम में भारत सरकार से जारी नेशनल करिकुलम फ्रेमवर्क (एनसीएफ)-2023 के अंतर्गत कक्षा नौ और 10 की पाठ्यचर्या में कुछ संशोधन किया गया है। जहां अभी तक हाईस्कूल में छह विषय अनिवार्य रूप से पढ़ाए जा रहे हैं, लेकिन संशोधन के बाद इन विषयों की 10 कर दिया जाएगा। सभी स्टूडेंट्स को तीन भाषाएं पढ़नी अनिवार्य होंगी। इसमें हिंदी की पढ़ाई तो सभी स्टूडेंट्स को करनी होगी। वहीं इसके अलावा संस्कृत, अंग्रेजी या देश में बोली जाने वाली 17 भाषाओं में से स्टूडेंट्स किसी एक को ले सकते हैं।
चौथा विषय गणित से पीछा छुड़ाने वाले स्टूडेंट्स के लिए बुरी खबर है। सभी स्टूडेंट्स के लिए गणित अनिवार्य होगी। ऐसे ही कुछ विज्ञान, सामाजिक विज्ञान विषयों के साथ होगा। वह भी अनिवार्य हो गए है। अंतर विषयक में छात्र गृह विज्ञान, कृषि, पर्यावरण, मानव विज्ञान, वाणिज्य, एनसीसी, कंप्यूटर में से किसी एक विषय को ले सकते हैं। आठवां विषय कला शिक्षा क्षेत्र से हैं। इसमे से चित्रकला, रंजन कला, संगीत गायन, वादन में से कोई एक विषय छात्र को लेना होगा। शारीरिक शिक्षा के अंतर्गत नैतिक, योग, खेल आदि विषयों में से एक विषय जरूर लेना होगा। 10वें विषय के रूप में व्यावसायिक शिक्षा स्टूडेंट्स को पढ़नी होगी। इसमें कुल 26 विषय शामिल हैं। 
नौवीं और 10वीं में छात्रों के लिए अलग-अलग विषय होंगे। इसके लागू होने के साथ ही विज्ञान वर्ग, कामर्स, कला वर्ग और व्यवसायिक वर्ग जैसे प्रारूप खत्म हो जाएंगे। हर छात्र को दो वर्ष में व्यवसायिक के दो विषय पढ़ने ही होंगे। इससे वह बाद में स्वरोजगार शुरू कर सकते हैं। हाईस्कूल का अंकपत्र कुल 600 अंकों का होता था, जो अब 1000 अंकों का हो जाएगा। इसमें प्रत्येक विषय 100 अंक का होगा। उसमें से 80 अंक की परीक्षा होगी और 20 अंक आंतरिक मूल्यांकन के रूप में शामिल होंगे। 
यूपी बोर्ड के सचिव दिब्यकांत शुक्ल के अनुसार अब प्रश्न पत्र का प्रारूप में भी बदलाव हो जाएगा। इस नए प्रारूप में 20 अंकों के बहुविकल्पीय प्रश्न होंगे। इसके साथ ही 30 अंकों के दक्षता आधारित प्रश्न और 30 अंक के वर्णात्मक प्रश्न होगा। सचिव ने बताया कि सब्जेक्ट के साथ ही अब ग्रेडिंग सिस्टम भी लागू कर दिया जाएगा। अंक पत्र में प्राप्त अंकों के सामने ग्रेड भी लिखे जाएंगे। 91 से अधिक अंक पाने वाले ए-1 ग्रेड, 81 से 90 अंक तक ए-2, 71 से 80 अंक तक बी-1, 61 से 70 अंक तक बी-2, 51 से 60 अंक तक सी-1, 41 से 50 अंक तक सी-2, 33 से 40 अंक प्राप्त करने वाले स्टूडेंट्स को डी ग्रेड दिया जाएगा। वहीं 32 या उससे कम अंक लाने वाले छात्रों को ई ग्रेड मिलेगा।