कल्याणपुर में ट्रांसपोर्टर ने गांव के पड़ोसी द्वारा धोखे से जमीन अपने नाम करा लेने से क्षुब्ध होकर जीटी रोड रेलवे लाइन के पास पेड़ में बेल्ट से फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली। ट्रांसपोर्टर मंगलवार शाम पत्नी और बच्चों से कुछ देर में घर आने की बात कहकर निकला था। तीन दिन तक स्वजन खोजबीन करते रहे लेकिन कुछ पता नहीं चला।

शुक्रवार दोपहर राहगीरों रेलवे लाइन किनारे पेड़ से शव लटकता देखकर पुलिस को सूचना दी। घर से निकलने के बाद स्वजन को एक सुसाइड नोट मिला था। वह चौकी में रिपोर्ट दर्ज कराने गए तो पुलिस ने रिपोर्ट नहीं लिखी।

कल्याणपुर के सत्यम विहार निवासी 45 वर्षीय वीरेंद्र कुमार तिवारी मूलरूप से लखनऊ जनपद के हरौनी के रहने वाले थे। यहां वह पत्नी वंदना और बेटे रुद्रांश के साथ रहकर ट्रांसपोर्ट का काम करते थे।

बेटे रुद्रांश ने बताया कि पिता मंगलवार देर शाम कुछ देर में आने की बात कहकर अपने दोनों मोबाइल छोड़कर निकले थे। 10 मिनट बाद ही पत्नी को मोबाइल में सुसाइड नोट की फोटो दिखाई दी। जिसमें उन्होंने हरौनी निवासी गंगाराम पासी द्वारा पूरी खेती अपनी पत्नी के नाम लिखवा लेने व धमकी देने के कारण आत्महत्या करने की बात कही।

घटना से सनसनी फैल गई

पत्नी वंदना और बेटे रुद्रांश ने सारी रात वीरेंद्र की खोजबीन की लेकिन वह नहीं मिले। अगले दिन रुद्रांश को मोबाइल के कवर में रखा हुआ सुसाइड नोट भी मिला। जिसको लेकर पत्नी वंदना और रुद्रांश पुलिस चौकी पहुंचे।

स्वजन का आरोप है कि पुलिस ने रिपोर्ट लिखने से मना कर दिया। शुक्रवार दोपहर बाद राहगीरों ने जीटी रोड मेट्रो पिलर नंबर 75 के सामने रेलवे लाइन के पास एक पेड़ पर शव लटका देखा तो पुलिस को सूचना दी। गुरुदेव चौकी पुलिस ने पहुंचकर देखा तो रुद्रांश को फोन किया।

रुद्रांश और पत्नी वंदना ने पहुंचकर शव की पहचान अपने पति वीरेंद्र के रूप में की। फोरेंसिक टीम ने जांच पड़ताल की। कल्याणपुर थाना प्रभारी सुधीर कुमार ने बताया कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट और स्वजन की तहरीर के आधार पर रिपोर्ट दर्जकर कार्रवाई की जाएगी।

धोखे से करोड़ों की जमीन हड़पने का आरोप

पत्नी वंदना ने बताया कि उनकी पैतृक गांव हरौनी में घर के सामने रहने वाले गंगाराम पासी ने 10 बिस्वा जमीन लिखाने की बात कही, जबकि तीन माह पहले रजिस्टर्ड एग्रीमेंट करने के बाद 21 जून को धोखे से मेन रोड पर स्थित डेढ़ बीघा जमीन का बैनामा करा लिया गया। जिसके बाद से पति बहुत तनाव में थे।

गांव के रहने वाले दीपू ने बताया की दो जून को दिन में बात करने के दौरान वह काफी तनाव में लग रहे थे। स्वजन ने बताया कि वीरेंद्र ने दो ट्रक व बाइक के अलावा गोल्ड और पर्सनल मिलाकर लगभग 25 लाख का लोन ले रखा था। जमीन गंवाने के बाद वह अत्यधिक तनाव में रहते थे।

वीरेंद्र के 20 वर्षीय बड़े बेटे अक्षांश ने पिछले साल 21 जनवरी को आत्महत्या कर ली थी। उसकी आत्महत्या का कारण पता नहीं चल सका था। वर्तमान में छोटा बेटा रुद्रांश इंटर का छात्र है।

गंगाराम पासी को बताया मौत का जिम्मेदार

वीरेंद्र तिवारी ने घर में छोड़े हुए सुसाइड नोट में लिखा है कि गंगाराम पासी ग्राम पोस्ट हरौनी लखनऊ निवासी है, जो कि मेरी पूरी खेती धोखे से अपने व अपनी पत्नी के नाम लिखवा ली है। और जब हमने कहा तो हमें जान से मारने की धमकी दी है तो हम आत्महत्या करने जा रहे हैं।