सुलतानपुर। इस बार यहां त्रिकोणीय मुकाबले के आसार हैं। वहीं, चुनाव प्रचार के अंतिम दिन भाजपा नेता व सांसद वरुण गांधी के आने से जातिगत वोटों के ध्रुुवीकरण में जुटी सपा-बसपा के मंसूबे काफी हद तक प्रभावित होंगे। कारण, वरुण की नुक्कड़ सभाएं उन स्थानों पर लगाई गईं, जहां पिछड़ी जाति खासकर निषाद बिरादरी के वोट हैं। पुराने संबंधों का वास्ता देकर वह पूरा दिन चुनावी अभियान को धार देते रहे। लगातार दो बार जीत दर्ज कर चुकी भाजपा का विजय रथ रोकने को विपक्ष का जातिगत गणित कितना काम करता है, यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा। प्रस्तुत है अजय सिंह की रिपोर्ट 

लोकसभा के चुनाव में सुलतानपुर सीट से वर्तमान सांसद व पूर्व केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी सुलतानपुर सीट से दूसरी बार चुनाव मैदान में हैं। सपा ने प्रदेश सरकार में मंत्री रहे रामभुआल निषाद को चुनाव मैदान में उतारा है। इस चुनाव में इन दो पूर्व मंत्रियों की प्रतिष्ठा दांव पर है। वहीं, बसपा ने उदराज वर्मा को टिकट दिया है। सपा-बसपा ने इस बार भाजपा के एकमुश्त वोट माने जाने वाले कुर्मी व निषाद बिरादरी के मतदाताओं को अपने पाले में करने के लिए जातिगत समीकरण साधने के लिए प्रत्याशी दिए हैं। बसपा का मानना है कि दलित-मुस्लिम और कुर्मी वोटों के साथ आने से लड़ाई मजबूत होगी। मुस्लिमों को अपने पाले में करने के लिए बसपा सु्प्रीमो ने बुधवार को यहां आंबेडकरनगर व सुलतानपुर के प्रत्याशी के समर्थन में जनसभा की। उन्होंने सरकार आने पर मुुस्लिमों की मदद करने व उत्पीड़न बंद होने की बात कहते हुए साथ देने का आह्वान किया था। वहीं, सपा भी मुस्लिम, यादव, निषाद वोटों जरिए मुख्य लड़ाई में रहना चाहती है। हालांकि, भाजपा सभी जातियों के बीच जाकर उनका सहयोग व समर्थन चाह रही।

इस बीच गुरुवार को मां मेनका गांधी के चुनाव अभियान में शामिल हुए वरुण गांधी ने यह कहकर जाति आधारित राजनीति करने वाली पार्टियों की घेराबंदी की कि सिर्फ मानव जाति है। जातिगत राजनीति से किसी का भला होने वाला नहीं है। उन्होंने सपा की चाल को भांपते हुए उन 11 स्थानों पर नुक्कड़ सभाएं कीं, जहां निषाद या फिर पिछड़ी जाति के वोटरों की संख्या अधिक है। स्थानीय लोगों का कहना है कि वरुण जब 2014 में सांसद चुने गए थे, तब निषाद बस्तियों, गांवों के लिए काफी कार्य किए थे। सड़क बनवाने से लेकर हैंडपंप की स्थापना, बिजली पहुंचाने समेत अन्य कार्य किए थे। इन्हीं कार्यों के जरिए वरुण ने चुनाव प्रचार के अंतिम दिन जाति की बयार का रुख बदलने की कोशिश की। कूरेभार के संतोष वर्मा कहते हैं कि इस बार मतदाता काफी जागरूक हो चुका है। वह सोच-विचार कर ही वोट देगा। उसके लिए राष्ट्रवाद, विकास जरूरी है या फिर महंगाई और बेरोजगारी की पीड़ा भारी है।

इसका निर्णय लेगा। कटका के मनोज मिश्र कहते हैं कि सरकार का कामकाज ठीक है। विरोध में कोई लहर नहीं है। विपक्षी कई तरह के राग अलाप रहे, लेकिन वोटरों पर इसका फर्क नहीं पड़ेगा। राष्ट्र और समाज में सुरक्षा का माहौल जरूरी है, जो भाजपा सरकार में ही संभव है। भुल्की के मुस्ताक अहमद का कहना है कि इस सरकार में रोजी-रोजगार का अवसर कम है। अब जनता परिवर्तन चाह रही है। सिर्फ राशन और किसान सम्मान निधि से जीवन बीतने वाला नहीं है। व्यवसायी राजेन्द्र गुप्त कहते हैं कि इस सरकार में हम लोग अपना कारोबार-व्यवसाय बिना किसी डर के कर पा रहे हैं। नागरिकों के लिए सुरक्षा सबसे अहम है। व्यवसायी वर्ग किसी मजबूर को चुनने के बजाय मजबूत प्रत्याशी को चुनेगा, जिससे सरकार भी टिकाऊ बने।

अब तक निर्वाचित सांसद

1952-मोहम्मद अहमद काजिमी-कांग्रेस
1957-गोविंद मालवीय-कांग्रेस
1961 -गनपत सहाय-उपचुनाव-निर्दलीय
1962-कुंवर कृष्ण वर्मा-कांग्रेस
1967-गनपत सहाय-कांग्रेस
1969-पंडित श्रीपति मिश्र-उप चुनाव-भारतीय क्रांति दल
1970- केदारनाथ सिंह-उपचुनाव-कांग्रेस
1971-केदारनाथ सिंह-कांग्रेस
1977-जुल्फिकारुल्ला-जनता पार्टी
1980 -गिरिराज सिंह-कांग्रेस
1984- राजकरन सिंह-कांग्रेस
1989-राम सिंह-जनता दल
1991-विश्वनाथ दास शास्त्री-भाजपा
1996-डीबी राय-भाजपा
1998-डीबी राय-भाजपा
1999-जयभद्र सिंह-बसपा
2004 -ताहिर खान-बसपा
2009-डा. संजय सिंह-कांग्रेस
2014-वरुण गांधी-भाजपा
2019-मेनका गांधी-भाजपा

सुलतानपुर लोकसभा

कुल मतदाता -1852590
पुरुष मतदाता-964363
महिला मतदाता-888178
नव मतदाता-24348