लखनऊ । ग्रामीण पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के साथ पर्यटन विभाग ने एमओयू साइन किया है। पर्यटन भवन में हुए इस एमओयू पर पर्यटन विभाग की ओर से प्रमुख सचिव पर्यटन व संस्कृति मुकेश कुमार मेश्राम और राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन की ओर से मिशन निदेशक दीपा रंजन ने हस्ताक्षर किये। इस पांच वर्षीय समझौते से ग्रामीण पर्यटन भी बढ़ेगा और ग्रामीणों की आजीविका भी बढ़ेगी।
इस मौके पर मौजूद प्रदेश के पर्यटन और संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने बताया कि इस समझौते का उद्देश्य स्थाई आजीविका विकास और वित्तीय सेवाओं तक बेहतर पहुंच के माध्यम से ग्रामीणों को सशक्त बनाते हुए पर्यटन के बुनियादी ढांचे का विकास करना है। उन्होंने कहा कि ग्रामीण पर्यटन को बढ़ावा देने से स्थानीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलेगा। साथ ही आजीविका के अवसर भी बढ़ेंगे। उन्होंने बताया कि पर्यटन विकास के लिए प्रदेश में 229 गांवों की पहचान पहले ही कर ली गई है।
उन्होंने बताया कि पर्यटन गतिविधियों को इस तरह से संचालित किया जायेगा कि गांव आने वाला पर्यटक किसी ग्रामीण के घर पर ही मेहमान बने। इससे उसकी आय बढ़ेगी। इसके साथ ही परिचय यात्राओं को भी बढ़ावा दिया जायेगा। स्वयं सहायता समूहों की भी इसमें मदद ली जायेगी। इस मौके पर मान्यवर कांशीराम इन्स्टीट्यूट ऑफ़ टूरिज्म मैनेजमेंट और पर्यटन विभाग के बीच दूसरा एमओयू साइन हुआ। इस साझेदारी का उद्देश्य राज्य में खाद्य सेवा उद्यमों को बढ़ावा देने के लिए स्थाई माडल विकसित करना है। कांशीराम इन्स्टीट्यूट क्षमता निर्माण और तकनीकी सहायता के साथ टिकाऊ खाद्य सेवा उद्यमों के प्रतिकृति माडल विकसित करेगा।
प्रमुख सचिव मुकेश मेश्राम ने बताया कि कांशीराम इन्स्टीट्यूट के साथ हमारा सहयोग स्थाई पर्यटन और सामुदायिक सशक्तिकरण की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। इससे बुनियादी ढांचा बेहतर होगा और पर्यटकों को एक विशेष अनुभव मिलेगा। मिशन निदेशक दीपा रंजन ने कहा कि यह साझेदारी ग्रामीण समुदायों को पर्यटन मूल्य श्रृखला में एकीकृत कर सशक्त बनाएगी। इससे गांव के विकास के अवसर पैदा होंगे। विशेष सचिव पर्यटन ईशा प्रिया ने कहा कि हम एक व्यापक पर्यटन की रणनीति विकसित करने पर अपना ध्यान केन्द्रित कर रहे हैं। इससे हितधारकों का लाभ होगा और पर्यटन विकास व ग्रामीण आजीविका वृद्धि के बीच तालमेल से राज्य का समग्र विकास होगा।