भोपाल। बढ़ता साइबर अपराध बड़ी चुनौती है। चाहें साइबर ठगी हो या फिर साइबर अटैक के जरिये बड़े स्तर पर हैकिंग, लगातार ऐसी घटनाएं हो रही हैं। अपराधी फेसलैस है यानि अपराधी की पहचान नहीं है। इसलिए ऐसे अपराधियों तक पहुंचना मुश्किल है, ऐसे में बेहतर है- साइबर क्राइम होने से पहले ही इसे रोकना। अब इसी पर काम कर रहे हैं साइबर एक्सपर्ट, जो साइबर थ्रेट इंटेलिजेंस के जरिये भविष्य में होने वाले साइबर अटैक जैसे खतरों को भांपकर बाकायदा पहले से रणनीति तैयार कर रहे हैं।
बड़ी-बड़ी कंपनियों से इसकी शुरुआत हो चुकी है। जिसमें साइबर एक्सपर्ट बाकायदा साइबर अटैक, साइबर फ्राड सहित साइबर अपराध की अन्य घटनाओं का डाटा इकठ्ठा कर एनालिसिस करते हैं। इसके बाद भविष्य में किस तरह के मालवेयर अटैक हो सकते हैं, उसके बचाव के लिए प्लान तैयार कर रहे हैं।
क्या है साइबर थ्रेट इंटेलिजेंस
साइबर एक्सपर्ट चातक वाजपेयी ने बताया कि देश में बड़ी हस्तियों को अलग-अलग श्रेणी की सुरक्षा प्राप्त है। यह सुरक्षा उन्हें सुरक्षा एजेंसियों द्वारा उन्हें कितना खतरा है, इसका आंकलन करने के बाद किस श्रेणी की सुरक्षा दी जानी है, यह तय होता है। इसी तरह साइबर थ्रेट इंटेलिजेंस काम करता है, जिसमें साइबर एक्सपर्ट डाटा एनालिसिस से यह आडिट करते हैं कि भविष्य में किसी कंपनी या किसी व्यक्ति विशेष को किस तरह के साइबर अटैक या साइबर क्राइम हो सकता है। उससे बचने के लिए साफ्टवेयर, टूल्स का इस्तेमाल करते हैं।
चार तरह की साइबर थ्रेट इंटेलिजेंस
टेक्टिकल थ्रेट इंटेलिजेंस: साइबर अटैक, फ्राड, मार्फिंग, एआइ आधारित साइबर क्राइम से बचने के लिए तकनीकि तैयार की जाती है।
टेक्निकल थ्रेट इंटेलिजेंस: किस तरह की तकनीकि से साइबर अटैक हो सकता है, इसकी जानकारी होती है।
आपरेशन थ्रेट इंटेलिजेंस: साइबर अटैक से किस तरह निपटना है।
स्ट्रेटेजिक थ्रेट इंटेलिजेंस: साइबर क्राइम को लेकर डाटा एनालिसिस के जरिये स्ट्रेटजी तैयार करना।