पालघर । प्रधानमंत्री मोदी ने महाराष्ट्र के पालघर जिले में 1,560 करोड़ रुपये की 218 मत्स्य पालन परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास करने के बाद कहा कि हमारे संस्कार अलग हैं। हम वो लोग नहीं हैं, जो आए दिन भारत मां के महान सपूत और इसी धरती के लाल वीर सावरकर को अनाप-शनाप गालियां देते रहते हैं। उन्हें अपमानित करते रहे हैं। देशभक्तों की भावनाओं को कुचलते हैं। 
पीएम मोदी ने कहा कि सावरकर को गालियां देने पर भी माफी मांगने को भी जो तैयार नहीं हैं और अदालतों में लड़ाई लड़ रहे हैं, महाराष्ट्र की जनता उनके संस्कार को भली-भांति जानती है। न्यू इंडिया अपनी ताकत जानता है और उसने गुलामी की जंजीरों को पीछे छोड़ दिया है। पीएम मोदी के इस दांव से कांग्रेस के साथ-साथ उद्धव ठाकरे भी फंस गए हैं। कारण यह है कि कांग्रेस और खासकर राहुल गांधी वीर सावरकर को लेकर आक्रामक रहे हैं, एक बार पीएम मोदी पर दिए बयान को लेकर कोर्ट से माफी मांगने के सवाल पर राहुल गांधी ने यहां तक कह दिया था, मैं सावरकर नहीं, गांधी हूं। गांधी माफी नहीं मांगता इस पर भी खूब विवाद हुआ था। 
वहीं उद्धव ठाकरे के पिता बाल ठाकरे वीर सावरकर को महान स्वतंत्रता सेनानी, महाराष्ट्र का गौरव और आजाद भारत का वीर सपूत मानते थे। ऐसे में उद्धव ठाकरे के लिए वीर सावरकर की आलोचना बर्दास्त करना संभव नहीं है। अब पीएम मोदी ने शिवाजी महाराज के अपमान के आरोपों पर तुरंत माफी मांग कर एक तरफ तो महाराष्ट्र के लोगों का दिल जीत लिया, दूसरी ओर वीर सावरकर के अपमान पर राहुल गांधी के अब तक माफी न मांगने को मुद्दा बना दिया। आगामी विधानसभा चुनाव में वीर सावरकर का मुद्दा एक बार फिर गरम हो सकता है। अब महाराष्ट्र की जनता जानना चाहेगी कि अगर किसी अन्य की गलती पर भी पीएम मोदी माफी मांग सकते हैं तो राहुल गांधी खुद वीर सावरकर के अपमान पर माफी क्यों नहीं मांग सकते? साथ ही उद्धव ठाकरे वीर सावरकर के अपमान करने वालों के साथ क्यों हैं।