बिलासपुर । रेलवे प्रशासन ने चेतावनी दी है कि अनाधिकृत रूप से रेल पटरी पार करना (ट्रेसपासिंग) न केवल एक गंभीर अपराध है, बल्कि यह जानलेवा भी हो सकता है। रेल पटरी पार करने के लिए अनधिकृत स्थानों का उपयोग करने पर ट्रेन से टकराने या अन्य दुर्घटनाओं का खतरा बढ़ जाता है, जिससे न केवल व्यक्ति की जान जोखिम में होती है, बल्कि रेल संरक्षा और परिचालन भी प्रभावित होते हैं। रेलवे द्वारा किए जा रहे उपाय रेलवे ट्रेसपासिंग को रोकने के लिए कई प्रभावी कदम उठा रहा है।
मजबूत फेंसिंग और बैरिकेड्स: रेलवे पटरियों के किनारे मजबूत फेंसिंग और बैरिकेड्स लगाए जा रहे हैं, विशेष रूप से भीड़-भाड़ वाले इलाकों में, ताकि लोग अनधिकृत रूप से पटरियों पर न जा सकें।
फुट ओवरब्रिज और अंडरपास: पटरियों को सुरक्षित रूप से पार करने के लिए कई स्थानों पर फुट ओवरब्रिज और अंडरपास बनाए गए हैं, जो यात्रियों को सुगम और सुरक्षित मार्ग प्रदान करते हैं।
सीसीटीवी निगरानी: बड़े रेलवे स्टेशनों और पटरियों पर सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं, जिनकी मदद से ट्रेसपासिंग करने वालों की पहचान की जा सकती है और उन्हें चेतावनी दी जा सकती है।
रेलवे पुलिस की गश्त: रेलवे सुरक्षा बल और रेलवे पुलिस द्वारा नियमित रूप से पटरियों और स्टेशनों के आसपास गश्त की जाती है, जिससे ट्रेसपासिंग की घटनाओं पर नजर रखी जाती है और उन्हें रोका जाता है।
जागरूकता अभियान और निर्देश रेलवे समय-समय पर ट्रेसपासिंग की रोकथाम के लिए जागरूकता अभियान चलाता है, जिसमें स्कूलों और कॉलेजों में विशेष कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। स्टेशनों पर पब्लिक एनाउंस सिस्टम के जरिए लोगों को उचित स्थानों जैसे पुल, ओवरब्रिज, फुट ओवरब्रिज या अधिकृत क्रॉसिंग का उपयोग करने के लिए संदेश प्रसारित किए जाते हैं।